शावर का ठंडा पानी नाज के ऊपर गिर रहा था जिससे उसका बदन कांप पर रहा था ऊपर से रिधान की वह इंटेंस नजरे जो उसके नेक्ड जिस्म पर गड़ी हुई थी वो उसके जिस्म को ऐसे देख रहा था जैसे की शिकारी अपने शिकार को शिकार करने से पहले देखता है।
तभी उसने उसके होंठों पर हाथ रखा और उस हाथ को उसकी गर्दन से नीचे की तरफ ले जाकर वो उसके सीने के बीचों बीच रुक गया और उसके सीने को घूरते हुए बोला, "आज तुम्हें पता पड़ेगा की रिधान जिंदल की बात ना मानने की सजा क्या होती है। आज के बाद तुम गलती करने से पहले भी तुम्हारे दिमाग में सौ बार मेरा ख्याल आएगा।"

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