
रुद्र उसके होंठों को चूमे जा रहा था, मानवी ने भी उसका साथ देना स्टार्ट कर दिया था। उसने उसके गले में अपनी बाहें डालकर उसे अपने और करीब खींच लिया। रुद्र उसके निचले होंठ को धीमे-धीमे चूम रहा था। उसके हाथ उसके पूरे बदन को एक्सप्लोर करने लगे थे। वो दोनों एक-दूसरे में खोते जा रहे थे। वो दोनों एक-दूसरे को ऐसे किस कर रहे थे जैसे कि दोबारा करने को नहीं मिलेगी।
तभी मानवी की सांसें उखड़ने लगी, ये देखकर रुद्र उसे छोड़ने के लिए दूर होने लगा। लेकिन मानवी ने उसके गले पर अपनी पकड़ कस दी और वो और गहराई से उसके होठों को चूमने लगी। लेकिन तभी रूद्र ने उसका चेहरा पकड़ कर उसे खुद से दूर कर दिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोला, “इतनी जल्दबाज़ी क्यों? क्यों मुझे ये एहसास दिला रही हो कि हमारा प्यार हवस है? मनु, मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया था और तुमने भी तो मुझसे सच्चा प्यार किया था, तो हमारे प्यार में हवस कब से आ गई?”

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