
विनाश और रूद्रम आमने-सामने बैठे हुए थे, दोनों की नज़रें एक-दूसरे पर टिकी हुई थीं। तभी विनाश के दो बॉडी गार्ड व्योम को पकड़ कर अपने साथ लेकर आए , व्योम बेहोश था। बाॅडी गार्ड ने वहां व्योम को लाकर डाल दिया । रूद्रम ने नज़रें उठाकर उसे देखा। व्योम की हालत बेहद खराब हो चुकी थी।
वो शर्टलेस था और उसने सिर्फ पैंट पहनी हुई थी, और वो पैंट भी कई जगह से फटी हुई थी। उसकी पीठ, जो नेक्ड थी, पूरी बेल्ट और चाकू के निशानों से भरी हुई थी। हर जगह ज़ख्मी घाव थे, कहीं से खून रिस रहा था तो कहीं से स्किन छिल चुकी थी। व्योम की हालत बहुत ज़्यादा खराब थी, उसके चेहरे पर भी काफी सारे स्क्रैच थे। उसकी हालत देखकर विनाश के चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आ गई। विनाश टेढ़ा मुस्कुराते हुए बोला, "Tch... tch... क्या हालत हो गई व्योम धनराज तुम्हारी। तरस आ रहा है मुझको तुम पर। क्या तुम्हें भी आ रहा है अपने भाई पर?"

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