
रूद्रम एक बार फिर इरा को अपने आगोश में भर चुका था। इरा दर्द और थकान से टूट चुकी थी। उसकी थकान उसके चेहरे से ही दिख रही थी लेकिन रूद्रम का स्टैमिना बहुत ज्यादा था। उसके चेहरे को देखकर साफ लग रहा था कि उसका अभी मन नहीं भरा है, वो और ज्यादा करना चाहता है। ये देखकर इरा परेशान हो रही थी। दो राउंड दोनों के बीच में पूरे हो चुके थे। रूद्रम तीसरे राउंड के लिए इरा को तैयार कर रहा था। तभी इरा थकी सी आवाज़ में बोली, "अब मुझसे नहीं होगा, मैं बहुत ज्यादा थक चुकी हूं।"
ये सुनकर रूद्रम, जो उसके ब्रेस्ट को मुंह में भरकर चूस रहा था, उसने अपना मुंह उसके ब्रेस्ट से हटाते हुए कहा, "क्यों? अभी जो तुम बोल रही थी कि मैं तुम्हें टाइम नहीं देता, तुम्हें छोड़कर चला गया, तो अब आगे आओ ना। अब इतने दिनों की कमी पूरी करूंगा। एक-एक चीज़ का हिसाब पूरा किया जाएगा। तुमने जो पल मेरे बिना बिताए हैं, उनकी भरपाई आज मैं करूंगा।"

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